दोस्तों, नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम आप सभी कहानी प्रेमियों का स्वागत करता है. Antarvasna मैं बब्लू कैराना, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. अभी कुछ दिन पहले ये जगह मीडिया में भी आई थी. खैर हमे क्या करना है. दोस्तों, मैं आज आपको अपनी रंगीन सुबह के बारे में बताता हूँ. मेरी कहानी जानकार सभी जवान लड़कों के लंड खड़े हो जाएँगे और उनमे से रस निकलने लगेगा. तो कहानी शुरू करते है.
उस रात को मैं और मेरी बहन बहुत देर में सोये थे. हमारे स्कूल का १५ दिन का विंटर वूकेशन हो गया था. कोहरा बहुत पढ़ रहा था इसलिए हमारे कैराना के डीएम ने १५ दिन की छुट्टी कर दी थी. अब हम भाई बहन बेफिक्रे की जिंदगी जीते थे. देर रात तक हम साथ टीवी देखते थे फिर सोते थे, सुबह हम दोनों देर से उठते थे. ऐसा ही एक रात हुआ. हम दोनों रात में २ बजे टीवी देखकर सोए थे. वो इंग्लिश की होरर पिक्चर थी जो बहुत डरावनी थी. फिल्म का बैकग्रौंड साउंड तो बहुत ही डरावना था. इसलिए मेरी बहन सोनिया मुझसे चिपककर ही सोयी थी. सुबह मेरी आँख कोई ११ बजे खुली. सूरज अब निकल आया था. कांच की खिड़कियों से सुबह के सूरज की पीली पीली रोशनी छन कर मेरे कमरे में आ रही थी.
बड़ी रोमांटिक सुबह थी. मन में बड़े अच्छे अच्छे ख्याल आ रहें थे. बड़े सुंदर सुंदर ख्याल आ रहें थे. दिल शायराना हो रहा था. गाने सुनने का मन कर रहा था. मैंने देख मेरी बहन सोनिया अभी भी सो रही है. मैं उठा और बाथरूम करने गया तो देखा मम्मी ने फ्रिज पर एक नोट चिपका दिया था. ‘नाश्ता तैयार है. पर मंजन करके ही खाना. मैं और पापा ऑफिस जा रहे है’ मैं मम्मी का नोट पढ़ लिया. बाथरूम कर ली, आँखें मीन्जता हुआ आया और फिर अपनी बहन के पास रजाई हटाकर लेटने लगा. सोनिया दूसरी तरफ करवट करके घोड़े बेच कर सो रही थी. सोनिया अब बच्ची नही रह गयी थी, अब वो जवान होने वाली थी कुछ ही सालों में. पर उसकी भीनी भीनी चूत की खुशबू मुझको आने लगी थी. वो अभी १४ साल की थी, इसलिए वो मेरी तरह लोवर और टी शर्ट पहन कर सोती थी. मैं भी यही पहन के सोता था. मेरी मम्मी अभी उसके लिए नाइटी नही लायी थी. जैसे ही दोबारा लेटने के लिए मैंने मखमली रजाई हटाई सोनिया का मस्त गदराया हुआ पिछवाडा मुझे दिख गया. रात में उसका ढीला लोवर नीचे सरक गया था.
सोनिया की चटक आसमानी रंग की तिकोनी पैंटी देखकर तो मेरा ईमान ही डोल गया. मन हुआ तो अभी इसी वक्त सब कुछ भूल कर अपनी जवान होती बहन को चोद लूँ, पर मैंने खुद को कंट्रोल कर लिया. मैंने अपना हाथ सोनिया के मुआलायम बड़े गोरे गोरे मक्खन से चिकने पिछवाड़े पर रख दिए. लगा जैसे जन्नत मिल गयी. मैंने खूब देर तक उसका पिछवाड़े को हल्का हल्का आराम से सहलाया. ‘मेरी बहन की चूत कितनी गुलाबी और कितनी मीठी होगी, ये तो खुदा ही जानता होगा. काश मुझे सोनिया की चूत भोगने को मिल जाती, मैं तो गंगा नहा लेता’ मैंने धीरे धीरे कहा. सोनिया सोती रही. मैंने झुककर उसके पिछवाड़े और गोल गोल चूतडों पर चुम्मी दे दी. फिर उस से सटकर लेट गया और सो गया.
सपने में देख की सोनिया से प्यार कर रहा हूँ. सोनिया मीर बांहों में आ गयी है. दोस्तों, बड़ा मीठा सपना था वो. कोई १२ बजे मेरी आँख खुली. जब देखा तो मेरे आश्चर्य का कोई ठिकाना ना था. सोनिया मेरा लंड चूस रही थी. हाँ दोस्तों आपको यकींन नही होगा पर यही सच है. पुरे घर में सन्नाटा था. हम दोनों अकेले थे और मेरी जवान होती बहन मेरा मोटा सा लंड चूस रही थी. मैंने ये देखा तो तुरंत आँखें मूंद ली. मैं नहीं चाहता था की सोनिया चूसना बंद कर दे. अगर मैं जग जाता तो सायद वो शर्म के कारण लंड चूसना बंद कर देती. और दूर हट जाती. मैंने आँखें सब कुछ जानते हुए भी बंद करे रखी. सोनिया, मेरी मस्त जवान चुदासी बहन जोर जोर से अपना पूरा सिर हिलाकर जल्दी जल्दी मेरा मोटा लंड चूस रही थी. मेरी चड्ढी को उसने नीचे सरका दिया था. दोस्तों, मुझे अपनी किस्मत पर गर्व हो रहा था. उपर वाले से मैंने जो चीज मांगी वो उसने मुझको दे दी थी. सोनिया के लम्बे लम्बे बाल खुलकर उनके गोरे गोरे कंधों पर झूल रहें थे. वो कामुकता और काम की साक्छात देवी लग रही थी. उसकी ढीली ढीली टी शर्ट में उसके नए नए तिकोने मम्मे देख कर मेरा दिल हुआ की अभी पटक कर अपनी बहन को अपने इसी बिस्तर पर चोद लूँ. बाद में जो होगा देखा जाएगा.
कुछ देर बाद मुझे अपनी आँख खोलनी ही पडी दोस्तों. क्यूंकि मेरा माल निकलने वाला था. सोनिया से कोई आधे घंटे मेरा मोटा मोम्बत्ते सा लंड चूसा था. वो रुक ही नही रही थी. मैं जान गया था वो फुल चुदाई के मूड में है. ना चाहते हुए मुझे अपनी आँखे खोलनी पड़ी. सोनिया पीछे इकदम से हट गयी. सायद वो डर गयी थी.
भैया भैया! वो मैं ?? मैं ??’ वो हकलाने लगी.
मैंने सोनिया को पकड़ लिया और अपने मुलायम बिस्तर पर पटक दिया. ‘कोई बात नही बहन!! कोई बात नही. ऐसा अक्सर हो जाता है’ मैंने कहा और सीधा सोनिया के उपर मैं लेट गया. उसके मुलायम मुलायम कुवारे होठ मैं पीने लगा. उसकी लाली चुराने लगा. सोनिया तो पहले से ही चुदवाने के फुल मूड में थी. दोस्तों, जब आज मैंने अपनी जवान होती कच्ची कलि जैसे मस्त माल बहन के होंठ पिए तो लगा की वाकई में जिंदगी कितनी खूबसूरत है. सोनिया ने अपने हाथ मेरे गले में गोल गोल लपेट दिए. हम दोनों में अब कोई बात नही हो रही थी. क्यूंकि बातों की अब कोई गुन्जायिश नही थी. नरम लचीले बहन वाली दुबली माल अपनी बहन सोनिया को चोदने में आज कितना मजा आएगा ये सोच कर ही मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा. मेरा सिर और चेहरा सोनिया के सिर से काफी बड़ा था. उसका सिर और चेहरा मुझसे काफी छोटा था. मैंने उसके दोनों गालों पर अपने हाथ रख दिए और अपनी सगी लेकिन चुदासी बहन के मुलायम होंठ पीने लगा. कुछ मिनट में ही गरम हो गयी. मैंने आव देखा ना ताव. उसकी टी शर्ट उतरने लगा तो उसने हाथ खुद ही उपर कर दिए.
जिससे उसकी ढीली टी शर्ट आराम से निकल जाए. मैंने टी शर्ट निकाल दी. फिर सोनिया की सफ़ेद ब्रा दिखी तो मैंने वो भी निकाल दी. उफ्फ्फ्फ़ !! हाय !! मेरी बहन इतनी सुंदर और बला की खूबसूरत माल है आज मुझे ज्ञात हुआ. बाप रे बाप !! ये तो बिजली ही गिरा रही है. मैंने अपनी जवान चुदासी बहन की खूबसूरती कुछ देर तक निहारी. उसकी सुंदरता को मैंने अपनी आँखों में कैद किया कुछ देर. सोनिया के कबूतर मुझे ढीली ढीली शर्ट और टी शर्त में बड़े छोटे दिखते वो असलियत में खूब बड़े बड़े थे. दोस्तों, मेरी तो आज लोटरी ही निकल गयी थी. मेरी जवान और चुदाई और लंड की प्यासी बहन के मम्मे तो सोने से भी जादा सुंदर और कीमती निकले. मैं तो पगला गया था. मैंने उसके मम्मे पर रख रख दिया. मेरी छुअन से उसे कुछ कुछ होने लगा. मैंने अपना हाथ उसके मलाई के गोले पर रखा दिया. वो सिहर गयी. मेरा हाथ उसके बड़े बड़े ३६ साइज के मम्मो पर इधर उधर डोलने लगा, सोनिया मस्त हो गयी. मेरे हाथ से उसके साइज का जायजा मम्मो को हाथ में भरकर लिया. लगा की मंदिर का प्रसाद सीधा मेरा हाथ में आ गया हो.
मेरा तो लंड ही रिसने लगा दोस्तों. मेरा लंड चूने लगा, उसका पानी बहने लगा. आखिर मेरा लंड उसके मम्मे के जायजा लेते लेते उसके उपरी भाग कर उसके चूचकों पर आ गए. बड़े बड़े काले घेरे को देखकर मन मोह लगा और फिर मेरी उँगलियाँ मम्मे को नुकीली भुंडियों को सहलाने लगी. सोनिया को कुछ कुछ होने लगा. मैं उसके मम्मो पर झुक गया और पीने लगा. सोनिया ने अपने मुलायम पतले पतले हाथ मेरे गले में डाल दिए. मैं उसके दूध पीने लगा. फिर दूसरे मम्मे को मुंह में भर लिया मैंने. खूब पिया दोस्तों, अपनी जवान चुदासी और लंड की प्यासी बहन के दूध को मैंने खूब पिया. फिर उसके मुलायम पेट को चूमने लगा. धीरे धीरे मैं उसकी नाभि में पर आ गया और मैंने उसकी नाभि चूम ली. अब तो मुझे अपनी बहन की चूत किसी भी कीमत पर चाहिए थी.
मैंने उसका लोवर निकाल दिया. उसकी चटक आसमानी पैंटी देख के मन ललचा गया. आखिर मैंने वो भी निकाल दी. सोनिया को मैंने मुलायम रजाई पर ही पटक लिया था इसलिए बड़ा मुलायम मुलायम लग रहा था. सोनिया की चूत पर एक भी बाल नही था. मैं बहुत खुश हुआ. मेरी चुदासी बहन अभी पूरी तरह से नही खिली थी, क्यूंकि उसकी चूत पर अभी झांटे नही आई थी. पर मैं आज उसको चोद चोद कर उसकी चूत की कमल की तरह खिला दूँगा. मैंने मन ही मन सोच लिया. सोनिया की चूत बड़ी प्यारी, बडी मनमोहक थी. दिल खुश हो गया दोस्तों. मैं झुककर उसकी चूत पीने लगा. जिंदगी का मजा आ गया था दोस्तों. कितनी मासूम कितनी प्यारी चूत थी. पर आज मैं इस चूत पर खूब मेहनत करूँगा. मैंने सोच लिया.
दोस्तों, मैंने जादा वक्त बर्बाद करना सही नही समझा. कुछ देर मैंने सोनिया की चूत पी. फिर अपने हाथ में थोडा सा थूक लिया और लंड के सुपाडे पर मल लिया. फिर अपने हाथ से लंड को साधते हुए सोनिया के चूत पर रख दिया. उसकी चूत के दोनों मुलायम मखमली होंठ किनारे किनारे सरक गए. मैंने पुश किया और मेरा लंड १ इंच उसकी चूत में धस गया. मुझे बड़ी खुसी हुई. जरा खून उसकी चूत से बहने लगा. मैंने एक धक्का और दिया. मेरा ७ ८ इंच लम्बा लंड मेरी बहन की गुलाबी गुलाबी चूत में धंस गया. सोनिया के दोनों पतले पतले नाजुक हाथ मैंने कसके के पकड़ लिए. उसे दर्द होने लगा. मैंने कोई परवाह नही की. मैं उसको चोदने लगा. सोनिया आह ऊईईई माँ माँ मम्मी मम्मी चिल्लाने लगी
चुप बहनचोद !! चुप !! मैंने उसको जोर से डपट लगाई.
वो डर गयी. मैं उसको चोदने लगा. कुछ देर बाद उसका दर्द समाप्त हो गया. वो मजे से टांग फैला फैला कर चुदवाने लगी. उसके बाल उसके चेहरे पर बिखर गए. उसकी आँखें बंद थी. मैंने उसके हाथ अब छोड़ दिए. अब वो बिना कोई नाटक किये चुदवाने लगी. उसके काले काले लम्बे लम्बे बालों का सौंदर्य मेरे मन में में बस गया. अपनी चुदती हुई सगी बहन का सौंदर्य मेरे दिल में बस गया दोस्तों. मैं सोच लिया की आज अपनी जवान चुदासी बहन की चूत पर खूब मेहनत मैं करूँगा. उसको इतना चोदूंगा की वो हर सुबह मेरे लंड मांगे और कहे की भैया प्लीस मुझको अपना लंड खिला दो. ये सोचकर मैं अपनी बहन की चूत पर खूब मेहनत करने लगा. धकाधक उसको चोदने लगा.
पट पट के शोर से पूरा कमरा गूंजने लगा. ये पट पट की आवाज मेरी मेहनत की ही आवाज थी. मेरा मोटा गन्ने जैसा मोटा लौड़ा जोर जोर से बहन की चूत को कूट रहा था. मेरा मोटा लंड और मेरी गोलियाँ जोर जोर से सोनिया के भोसड़े से टकरा रही थी. ये वही आवाज थी दोस्तों. मैं मन में ठान लिया था की कम से २ घंटे तो बहन को चोदूंगा. कम से कम २ घंटे तो मुझे बहन की चूत पर मेहनत करनी ही है. सोनिया के दोनों मस्त गोल गोल मम्मो को हाथ से ऐठते और दबाते हुए मैं उसकी चूत कूटने लगा. सोनिया मस्ती में उछलने लगी. मेरी रजाई बहुत ही मुलायम और मुख्मली थी. इसी पर मैंने सोनिया को लिटा रखा था. मुलायम रजाई में सोनिया को चोदने का मजा ही कुछ और था. दोगुना मजा मुझको मिल रहा था . अभी अभी कुंवारेपन को खो चुकी मेरी बहन की चूत बड़ी कसी कसी थी. मेरा मोटा लंड पूरा उसकी बुर में कसा हुआ था, पर मेरी मेहनत से ही ये सम्भव हो पाया था की मैं पट पट करके उसको पेल रहा था. २० मिनट बीते तो लगा की माल निकला जाएगा. मैंने तुरंत लंड बाहर निकाल दिया. लंड थोडा ठंडा पड़ गया. फिर कोई ५ ७ मिनट बाद मैंने फिर से लंड उसकी बुर में डाल दिया और अपनी सगी जवान चुदासी बहन को चोदने लगा. इसी विधि से मैंने सोनिया को पुरे २ घंटे चोदा दोस्तों. अब मेरी बहन हर रोज सुबह सुबह मुझसे लंड मांगती है. वो साफ साफ अब कहती है की ‘प्लीस भैया मुझे एक बार चोद दो, प्लीस भैया मुझको एक बार अपना लंड खिला दो !! प्लीस प्लीस भैया!!

बहन की गुलाबी चूत के साथ मेरी

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हैल्लो दोस्तों, आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना और मेरा दूसरा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी नई पड़ोसन मेरी प्यारी अदिति को चोदा और उसकी वर्जिन चूत की सील को तोड़ दिया। तो कहानी शुरू करने
से पहले में आप सभी सेक्सवासना डॉट कॉम के चाहने वालों को अपने बारे में पूरा विस्तार से बता देता हूँ। दोस्तों मेरा नाम अभी कुमार है और मेरी उम्र 20 साल है, में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी लम्बाई 5.7 फिट है, में
विदिशा का रहने वाला हूँ। फिर दोस्तों यह बात कुछ दिनों पहले की है जब मेरे पड़ोस में एक परिवार रहने आया जो कि साउथ इंडियन था और उस परिवार में एक अंकल, आंटी और एक बहुत मस्त सी सुंदर लड़की थी, जिसका नाम अदिति था।
दोस्तों वो लड़की दिखने में बहुत ही ज्यादा सेक्सी लगती थी और उसका रंग गोरा, पतली कमर, लंबे काले बाल और उसके थोड़े मध्यम आकार के बूब्स थे और उसके फिगर का आकार 34-32-36 के आसपास होगा। दोस्तों में हमेशा मौका देखते ही उसे
निहारता, उसकी छाती को घूरता रहता था और में कभी कभी उसके बारे में सोच सोचकर मुठ मारता था, क्योंकि वो मुझे बहुत ही हॉट लगती थी, वो अक्सर बिल्कुल टाईट टी-शर्ट्स पहनती थी और नीचे एकदम फिट वाली जीन्स पहनती, जिससे उसका
बदन और भी उभरने लगता और उसे देखते ही मेरा लंड उछलने लगता था और उसकी टी-शर्ट पहनने की वजह से उसके बूब्स के साईज़ और बड़े लगने लगते थे और बहुत गोल लगते थे। फिर मेरे दिन ऐसे ही मुठ मारते मारते गुज़रने लगे थे, लेकिन मुझे
उसके साथ सेक्स करने का कभी मौका ही नहीं मिलता था और में बस उसे दूर से ही देखकर अपनी आखें सेकने लगा था। दोस्तों अदिति की माँ का नाम पूजा था और वो भी दिखने से एकदम सेक्सी बम थी उसको देखकर भी हर किसी की नियत खराब हो
जाए, पूजा आंटी और मेरी मम्मी की बहुत ही कम समय में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और उन दोनों का हर कभी साथ घूमना फिरना होता रहता था, लेकिन अदिति और में हम लोग कभी इतनी बातें नहीं करते थे, लेकिन में उससे बात करने के कोई ना
कोई मौके जरुर ढूंढता रहता था। फिर एक दिन क्या हुआ कि मेरी माँ और पूजा आंटी साथ में घूमने बाहर चले गये और उस समय में अपने घर पर एकदम अकेला था और उस समय में अपने लॅपटॉप पर सेक्सी फिल्म देख रहा था, लेकिन तभी अचानक से
मेरे घर की घंटी बजी और में अपने लेपटॉप को मिनिमाईज़ करके दरवाज़ा खोलने चला गया और फिर मैंने पिन होल से बाहर की तरफ झांककर देखा तो बाहर सफेद रंग की टी-शर्ट में कोई खड़ा हुआ था, लेकिन मुझे उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था
और जब मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा तो में देखता ही रह गया, क्योंकि बाहर अदिति खड़ी हुई थी और अब मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था, क्योंकि में उसको अपने घर के बाहर खड़ा हुआ देखकर मन ही मन बहुत खुश था। फिर उसको
मैंने हाए कहा तो वो मुझसे पूछने लगी कि अभी क्या तुम्हे पता है हमारी मम्मी कब तक वापस आयेगी? तो मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे भी नहीं पता, क्योंकि उनका फोन भी नहीं लग रहा है और में भी बहुत देर से उनको फोन लगा रहा हूँ,
लेकिन मेरी उनसे बात नहीं हो सकी तो उसने भी मुझसे कहा कि हाँ मेरी भी उनसे कोई बात नहीं हो पा रही है और ऊपर से रात के 10.00 बज गया और अब मुझे घर पर अकेले बहुत डर लग रहा है, क्योंकि पापा भी हमेशा देरी से आते है। फिर मैंने
उससे कहा कि कोई बात नहीं है वो अभी आ जाएँगे, वो कहीं अटक गए होंगे तब तक तुम एक काम करो तुम मेरे घर पर उनका इंतजार कर लो और उनके आने तक तुम यहीं पर रहो। फिर वो मेरी यह बात मान गई और अब हम दोनों थोड़ा इधर उधर की बातें करने
लगे और बात करते करते मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारी लाइफ में कभी कोई बॉयफ्रेंड था? तो उसने मुझसे बहुत धीमी आवाज़ में कहा कि हाँ कुछ समय पहले था, लेकिन अब मेरी उससे किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई है और हम अब एक दूसरे
से कभी बात नहीं करते है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम बुरा ना मानो तो क्या में जान सकता हूँ कि तुम्हारा अपने बॉयफ्रेंड से झगड़ा क्यों हो गया? और अब वो मेरी बात का बिना बुरा माने मुझे अपने दोस्त के बारे में बताने लगी और
तब दोस्तों मुझे उसकी बातों से पता चलने लगा कि वो एक वर्जिन थी और उसकी सेक्स में भी बहुत रूचि थी, वो सेक्स को लेकर बहुत उत्साहित रहती थी, लेकिन उसने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था और अब हम दोनों जानबूझ कर थोड़े दो
मतलब की बातें भी करने लगे थे जिसका मतलब हम दोनों को बहुत अच्छी तरह से समझ में आ रहा था और फिर हमने एक दूसरे के मोबाईल नंबर भी ले लिए थे। दोस्तों ये कहानी आप सेक्सवासना डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर कुछ देर बाद हमारी
मम्मी भी आ गई और वो मुझसे बाय कहकर अपने घर पर चली गई और उसके बाद से हम हर कभी जब भी हमें मौका मिलता तो फोन पर बातें करते रहते थे और हम दोनों इस तरह बहुत ही कम समय में एक दूसरे के बहुत करीब हो चुके थे और अब हम साथ में
बाहर घूमने भी चले जाते थे और में हमेशा उसे देखता रहता था और कभी कभी सही मौका देखकर में उसके बूब्स को भी छू लिया करता था, लेकिन वो मुझसे कुछ ना कहते हुए मेरी तरफ स्माइल कर लेती थी। फिर ऐसे ही और एक बार फिर से हमारी माँ
बाहर घूमने जाने वाली थी तो मैंने यह बात जानकर तुरंत अदिति को एक मैसेज कर दिया और मैंने उसमें लिखा कि तुम तुम्हारी मम्मी के चले जाने के बाद मेरे घर पर आ जाना, तो वो मान गयी और फिर हमारी मम्मी के चले जाने के बाद वो
मेरे घर पर आ गई और मैंने उसे हग किया, क्योंकि वो सब हमारे बीच हर कभी होता रहता था और मैंने उसके बूब्स को अपनी छाती से दबता हुआ महसूस किया और आज मैंने उसे मौका देखकर थोड़ा ज़ोर से उसको हग किया था, वो अब बहुत खुश लग रही थी
और में भी बहुत मन ही मन में उछल रहा था। फिर मैंने अपने लेपटॉप पर अपने घर पर एक छोटी फिल्म को चालू कर दिया और कुछ पॉर्न फिल्म को भी उसके पीछे डाल दिया था। अब में उसको वो शॉर्ट फिल्म दिखाने लगा और फिर में चालाकी से रूम
से बाहर आ गया और अब में छुपकर उसे देखने लगा तो मैंने देखा कि वो शॉर्ट फिल्म थोड़ी देर बाद ख़त्म हो गई और वो पॉर्न फिल्म शुरू हो गई तब वो एकदम से चौंक गई और फिर पहले वो इधर उधर देखने लगी कि उसके आसपास कोई तो नहीं है या
कोई उसे देख तो नहीं रहा है, फिर जब वो समझ गई कि अब वो एकदम अकेली है तो वो अपनी आखें फाड़ फाड़कर फिल्म देखने लगी। फिर में थोड़ी देर बाद अचानक से अंदर आ गया और मैंने उससे पूछा कि तुम्हे शॉर्ट फिल्म कैसी लगी? तो वो मेरी यह
बात सुनकर थोड़ा शरमाने लगी और फिर वो बोली कि क्या तुम हमेशा पॉर्न फिल्म देखते हो? तो मैंने उससे आंख मारते हुए कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी, क्यों क्या हुआ? तो उससे मैंने पूछा कि क्या तुमको भी वो सब देखना है? तो वो मेरी यह
बात सुनकर शरमाने लगी और मैंने उससे बोला कि अरे यार मुझसे क्या शरमाना चलो में तुम्हे भी दिखाता हूँ और अब मैंने एक फिल्म को तेज आवाज के साथ लगा दिया। फिर दोस्तों मैंने उसको बहुत ध्यान से देखा कि वो अब अपने हाथ अपनी
पेंट की चेन के पास ले जा रही थी और मैंने सही मौका देखकर उसको उसकी गर्दन पर किस कर दिया तो वो थोड़ी और गरम होने लगी थी और अब मैंने उसे अपने गले से लगा लिया और उसने भी अब मेरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया था। मैंने उसको
गाल पर गर्दन पर किस किया, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई थी और फिर हम दोनों एक दूसरे को लगातार किस करने लगे और में उसके होंठो को धीरे धीरे अपने होंठो से बंद करने लगा और अब उसके मुलायम मुलायम बूब्स मेरे शरीर को छू रहे
थे। दोस्तों कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो पूरे जोश में थी और उस बात का फायदा उठाकर मैंने उसको किस करते करते अपने एक हाथ से उसकी टी-शर्ट के ऊपर से बूब्स को धीरे धीरे मसलने लगा था। फिर वो गरम होकर सेक्सी आवाज़ें
करने लगी थी आहहहहह उफफ्फ्फ्फ़। दोस्तों वो अब बहुत खुश हो रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी। फिर थोड़ी देर बूब्स को दबाने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और वो अब एकदम से झूलते हुए बूब्स ठीक मेरे सामने
थे। उसने काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से दो एकदम गोल गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने थे और उसके ऊपर से बाल खुले हुए थे, वो बहुत अच्छा नजारा था और वो उस समय कैसी लग रही होगी में शब्दों में भी नहीं बता सकता, मुझे तो
स्वर्ग जैसा महसूस होने लगा था। मैंने फिर पीछे से उसकी ब्रा का हुक निकाल दिया और अब उसके बूब्स मेरे आगे थोड़े लटक गये थे। मैंने फिर उसकी ब्रा को पूरी निकाल दिया था और अब में उसके नंगे बूब्स को दबाने लगा और फिर एक
बूब्स को पकड़कर चूसने लगा, वाह वो क्या मस्त अहसास था? फिर उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया और मुझे भी पकड़ने लगी और किस करने लगी तो मैंने उसे उठाकर बेड पर एकदम सीधा लेटा दिया और उसकी हॉट पेंट को भी उतार दिया, वो अब
सिर्फ़ एक काली कलर की पेंटी में थी और में अब उसके पूरे पैरों से चूम चूमकर धीरे धीरे आगे बढ़ता हुआ उसकी चूत तक पहुँच गया, तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत अब एकदम गीली हो गई थी और मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी
चूत में उंगली डालने लगा तो वो और भी ज्यादा ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और बिल्कुल पागल होने लगी थी। में अब उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर धीरे धीरे, लेकिन लगातार अंदर बाहर करने लगा और फिर में बीच बीच में उसके
होंठों को भी चूमता रहा और फिर मैंने ऐसा थोड़ी देर तक चलने दिया और अब वो मेरे लंड को छूने लगी और धीरे से हिलाने लगी और अब मुहं में लेने लगी जिसकी वजह से अब मुझे बहुत मस्त अहसास आ रहा था। मैंने फिर अपने लंड पर सुरक्षा
के लिए कंडोम लगाया, जिसे में हमेशा अपने पास छुपाकर रखता हूँ। अब में अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में डालने लगा तो वो और भी मदहोश हो रही थी। हम दोनों अब एकदम जोश में आकर सेक्स करने लगे थे और फिर में बीच बीच में उसके
बूब्स को भी दबा रहा था। अब में उसकी चूत में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाकर उसे चोदने लगा था जिसकी वजह से वो लगातार सिसकियाँ ले रही थी और कुछ देर की चुदाई के बाद में झड़ गया, तब तक वो भी झड़ चुकी थी। फिर उसके बाद हम दोनों
साथ में नहाने गये और वो चेहरे से बहुत खुश नज़र आ रही थी। हम नहाकर बाथरूम से बाहर निकले और उसके कुछ देर बाद माँ आ गई और उस दिन की चुदाई के बाद हम दोनों के बीच बस यही सब चलने लगा, जब भी हम अकेले रहते तो हमें कोई भी अच्छा
मौका मिलता तो हम चुदाई में लग जाते और हम दोनों ने ऐसी चुदाई करके बहुत मज़े किए है, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट नजर आई और मुझे उसकी चुदाई का हर बार मौका मिलता रहा

सील तोड़ी सेक्स गेम खेल के

यह कहानी मेरी ओर मेरी स्कूल टीचर की है जो मेरे से न्जाज संबंध रखती है Hindi sex stories मेरी टीचर से सेट्टिंग कुछ इस टेरेह से हुई की मे १२ मे था बोर्ड के पेपर की त्यारी कर रहा था तो मेरी बाइयालजी की टीचर से मेरी काफ़ी अची बनती
थी तो मैने उनसे घर पे आके पढ़ने को कहा मे श्याम के वक़्त उसँके पास जाके पड़ता उनका पति अमेरिका मे जॉब करता था ओर उनकी एक ५साल की बेटी थी सनडे का दिन था उन्हे मार्केट जाना था तो उन्होने मुझे कॉल करके चलने को पूछा तो
मे कैसे माना करता आख़िर उनसे अब एक घर जैसा रिश्ता हो गया था मैने हा कर दी मे उनको बिके पे ले गया शॉपीग कराई माल मे फिर वो एक कपड़े की शॉप पे गयी ओर जहा अंडर ग्रामेंट की शॉप थी मुझे अंदर जाना ठीक नही लगा क्यूकी सबके
घुसबंद ही अंदर जा रहे थे आनी बीवी क साथ वो मुझे अपने साथ अंदर ले गई ओर कहती की त्म इतना क्यू शर्मा रहे हो त्म मे कुछ ना बोला ओर बहरा आ गया जब वो सब खरीद के बाहर आई तो जब हम वापिस जाने लगे तो मुझसे पूछती की तुम्हारी कोई
गर्ल फ्रेंड नही है क्या मैने कहा नही अभी तो कोई बनी नही तो वो बोली ऐसे शर्मा ओगे तो कहा से बनेगी फिर जब हम घर पचुचे तो उन्होने मुझे कहा की लंच करके जाना तो मे वही सोफे पे बैठा ओर टीवी देखने लगा वो बातरूम मे जाके
फ्रेश होने चली गयी थोड़ी देर बाद जब बातरूम मे मुझे घिरने की आवाज़ आई मे दोड के जाके देखा तो मदें नीचे घिरी हुई थी ओर उन्होने बस पेंटी पहनी हुई थी ब्रा श्यद उन्होने निकल दी थी ..मैने उनको शरमाते हुए उठाया ओर लाके बेड
पे सुला दिया उनको होश नही था मैने पानी की मूह पे डाला तो उन्हे होश आया ओर वो अपने आप को बेड रूम मे पके हैरान हो गयी ओर बोली मे यहा कैसे आई तो मैने उनको बताया की आप बातरूम मे घिर गये थे तो मैं अको उठके लाया मैने उनके
नागे बदन क उपर चादर डाली हुई थी जब उनको इस बात का एहसास हू की वो नंगी है तो शर्मा के मूह नीचे कर ली ओर बोली सुमित किसी से मत बताना मैने उन्हे भरोसा दिलाया की यह बात ह्मारे बीच मे रहेगी | उनके कमर मे चोट लग गयी थी तो
मैने उनकी फ्रेंड को बुलाया जो डॉक्टर है उन्होने उनको क्रीम से मालिश करने को कहा ओर चली गयइ मडमे खुद से तो कर नही स्काती तो मैने कहा अगर आप कहो तो मे लगा दू वो मान गयी ओर उलटा लाइट गयी बस उन्होने पेंटी ही डाली हुई थी
मैने क्रीम निकल के हटो मे लिया ओर उनकी चिकनी कमर मे लगा क्या कोमल बदन था उनकी ३२ के चुचे कमर २८ की ओर गंद ३२ की गोलगॉल पेंटी मे से साफ दिख रही थी मेरे मालिश करने से वो जोश मे आ गयी उनके बदन मचलने लगा मैने भी उनके गंद
|दोस्तों ये कहानी आप सेक्सवासना डॉट कॉम पर पड़ रहे है

Madam ki chudai hindi sex story

ओर कमर पर अपने हाथ फेरता ओर आचे से मसाज करता वो पूरे सेक्स के मूड मे आ गे इति उनकी गीली पेंटी सब बता
रही थी ए कामुक ख़ूसबो आ रहो थी उनके बदन से उन्होने मेरा लॅंड पकड़ लिया ओर मुझे कहने लगी सुमित एक कम करोगे आज मेरे साथ सेक्स करना चाओगे मैने तो जहत से उन्हे प्कड़ के किस करने लगा मेरा तो पहले से उनको नगा देख चोदने का
हो रहा था मे उनकको किस करने लगा हग करके उनके उनके चुचो को चूसने लगा फिर वो मुझे लिटा के मेरे उपर आके मेरे पैंट की जीब खोली ओरमेरे खड़े लॅंड को देख जैसे पागल ही हो गयी वो उसे इश्स कदर चूसने लगी जैसे मानो उनको जानत
मिल गयी हो यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहट था मे पहले किसी लड़की को नही चोदा था पर ब्लू फ़िल्मे काफ़ी ज्यदा देख रखी थी तो तोड़ा बहुत पता था कैसे करते है पर मेडएं ने मुझे आचे से कर रही थी तो मुझे काफ़ी ज्यदा मज़ा आर रह
था एक बार तो मे उनके मूह मे ही झाड़ गया ओर फिर मे उनकी चूत चाटने लगा उनकी चूत काफ़ी कोमल ओर चींकनी थी चाटने मे मेडम ने मेरे लॅंड को दुबारा चूस चूस के काहड़ कर दिया ओर फिर वो मेरे उपर आके मेरे लड़न को लेके अपनी चूत मे
डालीी ओर ओर उपर नीच होने लगी मेरे लॅंड उनकी गर्म गर्म चूत मे बड़े आराम से जा रहा था मुझे काफ़ी ज्यदा मज़ा आ रहा था वो पूरे जोश मे उपर नीचे हो रहित हति मे भी उनकी गंद मे हाथ लगा के उनको सुपावर्त दे रहा था फिर मैने उनको
बेड पे ल्टा दिया ओर उसकी टाँगे खोलके उनकी चूत मे लड़न पेलने लगा उनकी चूत गरम गरम पानी चोद रही थी करीब २० मिनिट लगातार चोदने के बाद मे फिर से झाड़ गया ओर उनके उपर ही लाएेट गया फिर यूयेसेस रत मे उनके घर पर ही रुका ओर
मैने उनकी झाँके चुदाई करी अब मे उन्हे आए दीन चोदते रहता हू ...अगली कहानी मे बटुंगा कैसे मैने उनकी गंद को चोदा

हसीन मेम्म की चुदाई उनके ही घर पे


Hot Sex Story

दोस्तो आज मे आपको एक एक अपनी antarvasna दिल की बात बतातने जा रही हू आशा करती हू hindi sex stories आप सभी मेरी भावनाओ को समझेंगे ओर मुझे मेरी परेशानी हाल करने मे अपना सहयोग करेंगे .मेरा नाम प्रिया है मे राजस्ता के जाईपुर सिटी से हू
मेरा गोरा बदन उभरे हुए ३६ के चुचे मेरे ओर ३२ की गंद आचे आचे लंडो को खड़ा कर देती है पर दोस्तो मे बचपन से ही बहुत शरीफ थी ओर शादी से पहले सेक्स कभी काइया नही क्यूकी मे यह समझती थी इस्पे सिर्फ़ मेरे पति का ही हक़ है पर
दोस्तो किस्मत ओर समय काफ़ी एक से नही होते सोचा हुआ कभी कुछ भी नही होता ऐसा ही हुआ मेरे साथ जब मेरी शादी हुई .. शादी की पहली रात थी मे एक दुल्हन की तेरह साज स्वर के कमरे मे बैठके अपनी पति का इंतज़ार कर रही थी मुझे सेक्स
की बड़ी आसा थी क्यूकी मेरी सारी सहेलियो ने मुझे सेक्स के बारे मे बतती ओर मुझे भी चुड़वाने को कहती पर मेरी सोच अलग थी मे छूट मे उंगली करके अपने वासना शैईंट करती ओर मे यह सारे मज़े सेक्स के अपने पति के साथ ही करना
चाहती थी इसलये मे बड़े बेसब्री से अपने पति का इंतज़ार कर रही थी रत के ११:३० हो चुके थे मेरी ननद भी मुझे अब अकेले रोम मे छोड़ के जा चुकी थी मेरे रोम रोम मे सेक्स की तड़प उठ रही थी | दोस्तों ये कहानी आप सेक्सवासना डॉट
कॉम पर पड़ रहे है। |पर अपने पति की इंतज़र मे रहा नही जा रहा था १२ बाज गये मुझे अपने रूम के दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनाई दी मे खुश हो गयी एक बहुत ही हटा कटा स्मार्ट सा लड़का मेरे बेड के सामने खड़ा था वो कोई ओर नही मेरे
पति सुनील थे दिखने मे वो काफ़ी खूबसूसरत नवजवान थे वो मेरे पास आके बैठे मेरे घुँगत उठाया ओर बड़े प्यार से उन्होने मेरे खूबस्रौती से तारीफ करी ओर मुझे किस करी मैने भी उनका साथ दिया ह्मारा किस करीब १० मिंट चली ओर
फिर हम धीरे धीरे एक दूसरे के बदन को स्पर्श करने लगे वो मेरे सारे घने उतरे फिर मेरे सारी उतरी मे भी उसनकी शेरवानी उतरी उनके बदन बड़ी ही साकत थी उनसे गले लग के मेरे रोम रोम मे जैसे करेंट ही धोड़ जा रहा था मे उनके बदन
से चिपकें रही ओर फिर उन्होने मेरे ब्रा ओर पेंटी को उपर से ही पाने हाथ को बड़ाने लगे मे काफ़ी अछा लग रहा था मे भी पाने हाथ उनके लड़ पे रख के सहला रही थी उनका लॅंड पाजामे के उपर से कुछ फील नही हो रहा था मैने अपना हाथ
उनके पाजामे के अंदर डालते हुए उनका पाजाम निकाला ओर उनके कचे मे अपना हाथ डॅल दिया वो काफ़ी छोटू सा था मुझे लगा अभी जोश मे नही आया मैने उसको खूब सहलाया ओर काफ़ी देर तक हिलाया पर कोई बात नही बनी वो मेरे चुचो को चूसे जा
रहे थे मेरी छूट मे उंगलीइया करे जा रहे थे जिसे मेरे उतेजना काफ़ी बाद चुकी थी पर उनका हथियार तो जंग लड़ने के लिए त्यआर ही नही था मैने उनको सीधा लिट्टाया ओर उनके लॅंड को कचे से बाहर निकल के मूह मे लिया लिया ताकि वो
जल्दी से खड़ा हो जाए यह सब मेरी दोस्तो ने मुझे बता था पहले तो मुझे लॅंड का टेस्ट तोड़ा बेकार लगा फिर नॉर्मल हो गया मेरे करीब १५मिंटू चूसने के बाद उसपे कोई असर नही हुआ मे मैने दुबारा कोसिस करी पर कोई बात नही बनी मे
तक चुकी थी मैईएन सुनील को कहा आपका हथियार को क्या हुआ है यह तो खड़ा ही नही हो रहा है सुनील मेरे से नज़रे नही मिला रहा था मुझे कहता तुम्हे ठीक से चूसने नही आता तो कहा से खड़ा होगा मुझे लगा शयड मेरा पहली बार है इसलये
मैने दुआब्रा ट्राइ काइया आचे मे पूरे लॅंड को मूह मे लेके आइस क्रीम की तरह चूसा उसे खूब हिलाया उसपे अपनी छूट ओर चुचे रगडे पर उसे कोई फ़र्क पड़ा उसको जोश दियालने के चाकर मे मेरा पूरा जोश फीका पद रहा था मैने कहा सुनील
इसे खड़ा करो हमरी पहली शूहग्रत है मे इसे यादगार बनाना चाहती हू
है मैने सुनील को कहा ऐसा क्या है जो तुम्हारा खड़ा न्ही हो पर रहा तो सुनील मुझसे अपनी नज़ारे चुरा रहा था मैने कहा क्या बात है बताओ पर वो ना जाने क्यू मेरे से अपनी नज़ारे चुरा रहा था मुझे कुछ ग़लत संकेत लग रहे थे मैने
कहा तुम्हारा समान कम भी करता है या नही वो कुछ नही बोला कहने लगा मुझे नीड आ रही है सो जाओ अब मुझे कहा नीड आने वाली थी मैने फिर एक बार क़ोस्सिस करी उनको गरम करने की पर कोई बात नही बनी मुझे घुसा आ रहा था मैने गुसे मे कह
दिया कही आप ना मर्द तो नही हो ... वो कुछ नही बोले मुझे एक घेरा सदमा लगा की किसी भी लड़के या आदमी के लिए यह शर्मनाक बात होती है की उसकी पत्नी उसको ऐसा कहे पर उन्हे गुसा ज़रा भी नही आय ओर अपनी मूह झुआके रखा फिर मे थोड़ी
देर शैत्न रही फिर थोड़े ठंडे दिमाग़ से पूछा आख़िर बात क्या है सुनील ब्ताओ मेरे बड़े कहने के बाद उन्होने कहा की मे नामर्द हू मेरा लॅंड खड़ा नही होता | यह सुनने के बाद मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गयी मेरे आँखो से आसू
आने लग गये मैने कभी सपने मे भी ऐसा नही सोचा था की मेरे किस्मत मे यह लिखा होगा मेरे सारे सपने टूट गये मे आँखो से आसू निकले जा रहे थे वो मुझे चुप करने की बहेज कहते सो जा ... मे निहाती रूम के कोने मे बैठ के रो रही थी पर
उन्हे कोई भी परवा नही ... दोस्तो यह कहानी जारी रहेगी अपने भाग मे आपको ब्टौँगी की मेरे जिंदगी मे कोन कोन से मोड़ आए ओर मे कैसे मैने अपनी वासना शैत्न करवाती हू अपने नमार्द पति के साथ तो दोस्तो मेरी कहानी पसंद आई तो
लाइक करके मेरा होसला बढ़ाए ताकि मे अपनी जिंदगी की आप बीती आपके सामने रख साकु .. ध्यनवाद

सुहाग वाली रात मिला धोखा

Antarvasna Hot Sex Stories

यह कहानी मेरी ओर मेरी स्कूल टीचर की है जो मेरे से न्जाज संबंध रखती है Hindi sex stories मेरी टीचर से सेट्टिंग कुछ इस टेरेह से हुई की मे १२ मे था बोर्ड के पेपर की त्यारी कर रहा था तो मेरी बाइयालजी की टीचर से मेरी काफ़ी अची बनती
थी तो मैने उनसे घर पे आके पढ़ने को कहा मे श्याम के वक़्त उसँके पास जाके पड़ता उनका पति अमेरिका मे जॉब करता था ओर उनकी एक ५साल की बेटी थी सनडे का दिन था उन्हे मार्केट जाना था तो उन्होने मुझे कॉल करके चलने को पूछा तो
मे कैसे माना करता आख़िर उनसे अब एक घर जैसा रिश्ता हो गया था मैने हा कर दी मे उनको बिके पे ले गया शॉपीग कराई माल मे फिर वो एक कपड़े की शॉप पे गयी ओर जहा अंडर ग्रामेंट की शॉप थी मुझे अंदर जाना ठीक नही लगा क्यूकी सबके
घुसबंद ही अंदर जा रहे थे आनी बीवी क साथ वो मुझे अपने साथ अंदर ले गई ओर कहती की त्म इतना क्यू शर्मा रहे हो त्म मे कुछ ना बोला ओर बहरा आ गया जब वो सब खरीद के बाहर आई तो जब हम वापिस जाने लगे तो मुझसे पूछती की तुम्हारी कोई
गर्ल फ्रेंड नही है क्या मैने कहा नही अभी तो कोई बनी नही तो वो बोली ऐसे शर्मा ओगे तो कहा से बनेगी फिर जब हम घर पचुचे तो उन्होने मुझे कहा की लंच करके जाना तो मे वही सोफे पे बैठा ओर टीवी देखने लगा वो बातरूम मे जाके
फ्रेश होने चली गयी थोड़ी देर बाद जब बातरूम मे मुझे घिरने की आवाज़ आई मे दोड के जाके देखा तो मदें नीचे घिरी हुई थी ओर उन्होने बस पेंटी पहनी हुई थी ब्रा श्यद उन्होने निकल दी थी ..मैने उनको शरमाते हुए उठाया ओर लाके बेड
पे सुला दिया उनको होश नही था मैने पानी की मूह पे डाला तो उन्हे होश आया ओर वो अपने आप को बेड रूम मे पके हैरान हो गयी ओर बोली मे यहा कैसे आई तो मैने उनको बताया की आप बातरूम मे घिर गये थे तो मैं अको उठके लाया मैने उनके
नागे बदन क उपर चादर डाली हुई थी जब उनको इस बात का एहसास हू की वो नंगी है तो शर्मा के मूह नीचे कर ली ओर बोली सुमित किसी से मत बताना मैने उन्हे भरोसा दिलाया की यह बात ह्मारे बीच मे रहेगी | उनके कमर मे चोट लग गयी थी तो
मैने उनकी फ्रेंड को बुलाया जो डॉक्टर है उन्होने उनको क्रीम से मालिश करने को कहा ओर चली गयइ मडमे खुद से तो कर नही स्काती तो मैने कहा अगर आप कहो तो मे लगा दू वो मान गयी ओर उलटा लाइट गयी बस उन्होने पेंटी ही डाली हुई थी
मैने क्रीम निकल के हटो मे लिया ओर उनकी चिकनी कमर मे लगा क्या कोमल बदन था उनकी ३२ के चुचे कमर २८ की ओर गंद ३२ की गोलगॉल पेंटी मे से साफ दिख रही थी मेरे मालिश करने से वो जोश मे आ गयी उनके बदन मचलने लगा मैने भी उनके गंद
|दोस्तों ये कहानी आप सेक्सवासना डॉट कॉम पर पड़ रहे है

Madam ki chudai hindi sex story

ओर कमर पर अपने हाथ फेरता ओर आचे से मसाज करता वो पूरे सेक्स के मूड मे आ गे इति उनकी गीली पेंटी सब बता
रही थी ए कामुक ख़ूसबो आ रहो थी उनके बदन से उन्होने मेरा लॅंड पकड़ लिया ओर मुझे कहने लगी सुमित एक कम करोगे आज मेरे साथ सेक्स करना चाओगे मैने तो जहत से उन्हे प्कड़ के किस करने लगा मेरा तो पहले से उनको नगा देख चोदने का
हो रहा था मे उनकको किस करने लगा हग करके उनके उनके चुचो को चूसने लगा फिर वो मुझे लिटा के मेरे उपर आके मेरे पैंट की जीब खोली ओरमेरे खड़े लॅंड को देख जैसे पागल ही हो गयी वो उसे इश्स कदर चूसने लगी जैसे मानो उनको जानत
मिल गयी हो यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहट था मे पहले किसी लड़की को नही चोदा था पर ब्लू फ़िल्मे काफ़ी ज्यदा देख रखी थी तो तोड़ा बहुत पता था कैसे करते है पर मेडएं ने मुझे आचे से कर रही थी तो मुझे काफ़ी ज्यदा मज़ा आर रह
था एक बार तो मे उनके मूह मे ही झाड़ गया ओर फिर मे उनकी चूत चाटने लगा उनकी चूत काफ़ी कोमल ओर चींकनी थी चाटने मे मेडम ने मेरे लॅंड को दुबारा चूस चूस के काहड़ कर दिया ओर फिर वो मेरे उपर आके मेरे लड़न को लेके अपनी चूत मे
डालीी ओर ओर उपर नीच होने लगी मेरे लॅंड उनकी गर्म गर्म चूत मे बड़े आराम से जा रहा था मुझे काफ़ी ज्यदा मज़ा आ रहा था वो पूरे जोश मे उपर नीचे हो रहित हति मे भी उनकी गंद मे हाथ लगा के उनको सुपावर्त दे रहा था फिर मैने उनको
बेड पे ल्टा दिया ओर उसकी टाँगे खोलके उनकी चूत मे लड़न पेलने लगा उनकी चूत गरम गरम पानी चोद रही थी करीब २० मिनिट लगातार चोदने के बाद मे फिर से झाड़ गया ओर उनके उपर ही लाएेट गया फिर यूयेसेस रत मे उनके घर पर ही रुका ओर
मैने उनकी झाँके चुदाई करी अब मे उन्हे आए दीन चोदते रहता हू ...अगली कहानी मे बटुंगा कैसे मैने उनकी गंद को चोदा

हसीन मेम्म की चुदाई उनके ही घर पे

मेरा  नाम लवली रतन मैं पंजाब का रहने वाला हूँयह मेरी पहली सच्ची घटना है
बात तब की है जब मेरी शादी को 2 साल हो गए थे,
उस समय मेरी उमर 23 की थी और मेरी पत्नी की उमर 20 साल थी।
मेरे ससुराल में मेरी सास जिनकी उमर 40 साल है, ससुर जी जिनकी उनर 45 साल और
एक साला जिसकी उमर 17 साल थी।
मेरी कोई साली नहीं है, जिसका मुझे बहुत अफसोस होता है।
मेरी सास बहुत सुंदर है, जो उनको एक बार देखता है तो देखता ही रह जाता है।
उनकी फ़िगर 38-28-36 है। उनमें अजीब सा आकर्षण है जो मर्दों को अपनी तरफ खींचता है!
इस उमर में भी वो जवान लड़कियों को मात देती है।
उनका भरा भरा जिस्म किसी भी मर्द की नियत को खराब कर सकता है!
मैंने कभी भी उनको गलत नज़र से नहीं देखा
लेकिन उस दिन जो हुआ वो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था!
अब उस घटना पर आते हैं, शादी के 2 साल बाद मेरी बीवी प्रेग्नेंट हो गई
तो उसने अपनी माँ को काम-काज में मदद के लिए हमारे घर पर बुला लिया!
हमारे घर में मैं और मेरी पत्नी ही रहते हैं, मेरे मम्मी पापा गाँव में रहते हैं।
मेरी बीवी को सातवा महीना लगा था, डॉक्टर ने सेक्स करने को मना किया हुआ था।
दोस्तो, हम रोज़ फ़ुद्दी चुदाई यानि सेक्स का आनन्द लेते थे !
मेरी बीवी बहुत ज्यादा कामुक है और मैं भी!
उसे पता है कि अगर वो मुझे ज्यादा दिन तक उसकी चुदाई न करने दे तो मैं बाहर फ़ुद्दी चुदाई कर सकता हूँ।
यह बात मेरी बीवी अपनी माँ को बता चुकी थी कई बार! मैंने उनकी ये बातें चुपके से सुनी थी!
मेरी सास कहती कि सब मर्दों को फ़ुद्दी चोदने की आदत होती है,
इसलिए उनकी यह मांग हमेशा पूरी करनी चाहिए! मर्द इसी चीज़ से सबसे ज्यादा खुश रहता है!
मेरी सास हमेशा मेरा ख्याल रखती और टाइम से सब काम करती!
मुझे सेक्स किए हुए काफी समय हो गया था और रात को मुझे सेक्स करने का बहुत मन होता था,
लेकिन हम दोनों मजबूर थे इसलिए मैं अलग कमरे में सोता था, कहीं रात को बीवी के साथ गलत काम न हो जाए!
मेरी बीवी को मेरी सेक्स की जरूरत का पता था इसलिए वो डरती थी कि मैं कहीं बाहर फ़ुद्दी ना मार लूँ !
उसने अपने मन की बात माँ को बताई तो माँ ने कहा- मेरा दामाद ऐसा नहीं है!
एक रात को हम टीवी पर कॉमेडी सर्कस देख रहे थे, उसमें सेक्सी जोक्स पर सास कुछ ज्यादा ही हंस रही थी!
मुझे यह देख कर बहुत अच्छा लगा।
मेरी पत्नी को जल्दी सोने की आदत पड़ गई थी तो वो बीच में ही उठ कर सोने चली गई।
अब मैं और मेरी सास अकेले रज़ाई में बैठे थे!
मेरी बीवी के जाने के बाद सास थोड़ा सा मेरे पास आ गई, मेरे पैर उनके पैरों को टच करने लगे, मुझे बहुत अच्छा लगा!
उन्होंने भी धीरे धीरे पैरों को टच करना शुरू कर दिया!
मैंने कोई इंग्लिश मूवी वाला चैनल लगा दिया, उसमें कोई वयस्क फिल्म चल रही थी।
मेरा मन सेक्स की तरफ घूम गया, मेरे साथ मेरी सास बैठी थी, यह मैं भूल गया था।
इस बीच सास ने लाइट बंद कर दी थी, वो मेरे और पास आ गई थी, मैं भी उनके साथ चिपक गया!
कुछ देर तक मैंने कुछ नहीं किया।
थोड़ी देर बाद सास ने फिल्म देखते हुये अपनी एक टांग मेरी टांग के उपर रख दी,
मैंने अपना हाथ उनके पट (जाँघ) के ऊपर रख दिया, फिर मैंने धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया!
उन्होंने मेरा हाथ रोक लिया!
मैंने थोड़ी देर बाद फिर हाथ चलाना शुरू कर दिया!
अब मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और धीरे धीरे डरते हुए हाथ नीचे रख दिया
और आगे की सोचने लगा कि सास है तो क्या हुआ, है तो एक औरत ही, जो मुझे चूत चुदाई का पूरा मज़ा दे सकती है।
थोड़ी देर तक सास की तरफ से कोई विरोध ना होते देख मेरी हिम्मत सास दामाद चुदाई के लिए और बढ़ गई
और मैं और नीचे हाथ ले गया और मेरा हाथ उनकी चूत से निकले पानी से गीला हो गया!
मैं समझ गया कि सास भी गर्म हो चुकी है!
मैंने उनके साथ फ़ुद्दी चुदाई करने का मन बना लिया,
मैंने दूसरा हाथ उनकी ब्रा में डाल दिया और उनके मोटे मोटे मम्मे दबाने लगा।
मेरी सास ने आँखें बंद कर ली और मज़ा लेने लगी।
अब मैंने धीरे धीरे उनके सारे कपड़े उतार दिये।
उफ़्फ़… क्या बला की खूबसूरत लग रही थी वो नंगा बदन !
मैं भी पूरा नंगा हो गया और उनके उपर चढ़ गया।
मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिये और अपना लण्ड उनकी फ़ुद्दी के ऊपर घिसने लगा,
मेरी सास भी मेरा साथ देने लगी, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया, जगह जगह किस करने लगी।
अब मैं उनके मम्मे चूसने लगा, उनके मुंह से सीत्कारें निकल रही थी।
उसके बाद मैं उनके पेट से होता हुआ उनकी फ़ुद्दी के पास आ गया और उनके जिस्म को चाटने लगा।
मेरी सास मेरा सर अपनी फ़ुद्दी के ऊपर ले गई और दबाने लगी।
मैं समझ गया कि क्या करना है,  सास दामाद चुदाई के लिए मैंने उनकी फ़ुद्दी के ऊपर दाने को चाटना शुरू कर दिया।
अब तो मेरी सास की हालत बहुत खराब हो गई, वो ज़ोर ज़ोर से आह आह आह ऊह ऊई करने लगी।
मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, एक दो उंगली भी उनकी फ़ुद्दी के अन्दर बाहर करने लगा,
उनको बहुत मज़ा आ रहा था !
अब उन्होंने मुझे अपने नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे मज़ा देने लगी,
मेरे सारे जिस्म को चूसते चाटते हुये मेरे लन को मुंह में लेकर चूसने लग गई,
वो बड़ा लण्ड चूसने में इतनी माहिर हैं कि उनका एक भी दाँत मेरे लन को नहीं चुभा !
उन्होंने मेरा लन चूस चूस के मुझे पागल कर दिया, अब मेरा वीर्य छूटने वाला था,
मैंने उनको हटाया पर वो ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी, मेरा अब थोड़ा सा छुट गया और उनके मुंह में वीर्य चला गया!
उन्होंने झट से थूक दिया और कहा- उबकाई आ रही थी। बहुत ज्यादा लिसलिसा है!
अब मैंने कहा- अब असली काम करते हैं.
तो वो बोली- आप ऊपर आ जाओ, मैं नीचे से चुदूँगी !
अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया और फिर उनको गर्म करने लगा तो वो फिर से आग की तरह गर्म हो गई
और मैंने अपना 6 इंच का लन उनके छोले के उपर रगड़ना शुरू कर दिया और तब तक रगड़ता रहा
जब तो उन्होने खुद नहीं कहा के जल्दी से मेरी फ़ुद्दी के अन्दर डाल दो !
मैं उनको 25 मिनट तक चोदता रहा !
और वो भी मज़े से चुद रही थी !
उनका दो बार निकल चुका था।
जब हम चुदाई कर के अलग हुये तो मैंने कहा- यह गलत काम हो गया…
तो वो बोली- मेरी बेटी को लगता था कि आप बाहर किसी की फ़ुद्दी मार कर आओगे,
इसलिए मेरा भी मन डोल गया और मैंने भी बहुत दिनों से आपके ससुर के साथ सेक्स नहीं किया था तो मेरा भी मन सास दामाद चुदाई के लिए फ़ुद्दी चुदवाने को हो गया था,
मैं भी कामुक औरत हूँ और हम 2-3 दिन छोड़ के चुदाई करते हैं !
जब तक मैं यहाँ हूँ आप सास दामाद चुदाई  मज़ा कर सकते हो, लेकिन मेरी बेटी को पता ना चले !
उसके बाद मैं आपको कभी नहीं दूँगी।
मैं मान गया और हमने खूब सास दामाद चुदाई के लिए मज़े किए जब तक मेरी बेटी नहीं हो गई, उसके बाद मेरी सास अपने घर चली गई!
मेरी वाइफ़ बोली- इतने दिन तक कैसे रहे फ़ुद्दी के बगैर?
तो मैं हंस कर बोला- अपना हाथ जगन्नाथ !
उसके बाद भी मैंने ससुराल मैं जाकर सास को कई बार सास दामाद चुदाई के लिए ट्राई किया क्योंकि मेरी सास है ही इतनी सेक्सी कि बार बार उनको चोदने का मन करता है।
लेकिन उन्होंने कहा- जो हुआ, मजबूरी में हुआ, उसे बुरा सपना समझ के भूल जाओ, इसी में हम दोनों की भलाई है !
और मैंने फिर कभी उनके साथ सास दामाद चुदाई के लिए बात नहीं की!
और हम सब अब पहले की तरह रहते हैं!

सास दामाद चुदाई का गर्म किस्सा

बात सर्दियों के दिनों की हैं ! मैं अपनी जॉब बदलने की कोशिश कर रहा था। मैं गुडगाँव की एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में साक्षात्कार देने के लिए गया था। साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात जन सम्पर्क अधिकारी निहारिका से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था ! मैं पागलों की तरह बस उसकी चूचे और गांड को देख रहा था। उसकी गांड और चूचों को देख कर मेरा लण्ड एकदम तन गया था। मैंने टांग के ऊपर टांग रख कर उसे दबाने की कोशिश की पर लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। तभी मेरा नाम बोला गया। मैंने सामान्य होने की कोशिश करते हुए अंदर प्रवेश किया पर मेरा खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिखाई दे रहा था और निहारिका की निगाह अब मेरे लण्ड पर लग चुकी थी।
गुड मॉर्निन्ग मैडम कह कर मैं लण्ड को छुपाते हुए कुर्सी पर बैठ गया। मैं निहारिका से निगाह नहीं मिला पा रहा था। निगाह ना मिलाने का एक कारण उसकी चूचियाँ थी जिसकी वज़ह से मेरा लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था।
पर निहारिका शायद लण्ड की प्यासी थी, उसने मुझसे कहा- आप को बैठने के लिए किसने बोला था?
मैंने कहा- माफ़ करें मैडम ! मैं मजबूर हूँ !
उसने मुझे खड़े होने के लिए कहा और खुद भी अपनी सीट से खड़ी हो गई। लेकिन मैं खड़ा नहीं हुआ। अब वह खड़ी होकर मेरे लण्ड को निहार रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो लण्ड से खेलना चाहती थी। मैंने हाथ से लण्ड को नीचे कर दोनों टांगों के बीच में लण्ड को दबा लिया। अब मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा था और उसी दशा में मैं सीधा खड़ा भी हो गया। उसने मेरा नाम पूछा और कहा- तुम क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हो? भगवान ने इसे छुपाने के लिए नहीं बनाया है।
मैं उसकी बात सुनकर सकपका गया और मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया, मैंने कहा- कुछ नहीं मैडम !
उसके बाद मैं सामान्य हो गया पर निहारिका के मन में कुछ और था और वह खुल कर बोलने लगी- तुम लण्ड क्यों छुपा रहे हो?
मैं ऐसा सुन कर मन ही मन में सोचने लगा- आज तो भगवान मुझ पर मेहरबान हैं !
मैंने कहा- मैडम, आपकी चूची और गांड को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया है और अब यह बैठने का नाम नहीं ले रहा है ! और आप इन्टरव्यू लेने की बजाए मुझे छेड़ रही हैं ! बस इसी वज़ह से मैं ना तो आपसे निगाह मिला पा रहा हूँ और लण्ड को छुपा रहा हूँ। असल में मैंने आपको जब टेस्ट के समय देखा था तभी से भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि आपकी चूत मारने का मौका दिलवा दे !
निहारिका ने कहा- मुझे तुम्हारी निडरता अच्छी लगी।
तब मैंने कहा- और मेरा लण्ड?
उसने कहा- तुम उतने शरीफ नहीं हो जैसा मैं सोच रही थी। तुम काफ़ी शरारती हो ! तुम इस नौकरी के लिय चुन लिए गए हो ! आज शाम 11 बजे मुझे इस पते पर मिलो !
मैं फूला नहीं समा रहा था और मुझे वो कहावत याद आ रही थी- जब भगवान देता है तो छप्पर फ़ाड़ कर देता है !
मैंने धन्यवाद मैडम ! कह कर निहारिका से हाथ मिलाने के बहाने उसकी चूची पर चुटकी भर दी और वह चहुंक उठी।
वो कौन सी पीछे रहने वाली थी, उसने आगे बढ़कर सीधा लण्ड को पकड़ कर सहला दिया।.मैं सावधानी बरतते हुए जल्दी से वहाँ से निकल लिया और बस रात का इंतज़ार करने लगा।
आखिर रात भी आ गई और मैं उसके बताये स्थान पर पहुँच गया। उसने नाईटी पहन रखी थी और वह घर पर अकेली थी। वो अपनी सहेली के साथ कमरे में रहती थी। उसकी सहेली बाहर पार्टी में गई थी। उसकी नाईटी में से सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था। दरवाजे पर ही उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैंने भी उसका पूरा साथ दिया और जम कर उसके होंठों को चूसा और एक हाथ से दरवाजा बंद कर दिया।
और अब धीरे-2 उसके चूचे दबाने लगा। इतनी ठण्ड होने के बावजूद हम दोनों गरमाने लगे थे। धीरे-2 दोनों नंगे हो गए। निहारिका पहले से खेली-खाई लग रही थी और वह सीधा लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी। मैं भी उसके बालों को पकड़ कर उसके मुँह को अपने लण्ड से चोदने लगा। 30-35 झटकों के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया। मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि सुबह मैं जिसकी चूत मारना चाह रहा था, वो अब मेरे लण्ड को चूस रही है। थोडी देर बाद ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और इस बार में उसके स्तन मुँह में लेकर चूस रहा था और हाथ से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था।
निहारिका एकदम गरम हो चुकी थी और कह रही थी- अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है, मेरी चूत को चोद दो !
मैंने भी उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद पर लगा कर सीधा जोर लगाया और आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चूत कसी थी और उस झटके से उसके मुँह से चीख निकल गई। मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे रोका। थोड़ी देर में ही उसे मजा आने लगा और गांड हिला-2 कर खुद चुदने लगी। धीरे-2 मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसके मुँह से
आह ऊह्ह आः उछ स सी की आवाज़ निकल रही थी। मुझे अब अनुभव हो रहा था कि धरती पर कही स्वर्ग है तो चूत मारने में ही है।
करीब 25-30 झटकों में वो और मैं दोनों एक साथ झड़ गये और काफी देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे। कुछ देर बाद फिर से हम दोनों एक दूसरे को वासना भरी नजरों से देख रहे थे।
इस बार मेरी निगाह उसकी गांड पर थी पर वो इससे अनजान थी। मैंने ढेर सारी क्रीम लेकर उसकी गांड के छेद पर लगाई। वो बोली- यह क्या कर रहे हो ?
तो मैंने कहा- तुम्हारी गांड देख कर ही मेरा लण्ड सुबह तन गया था।
अब वह समझ चुकी थी कि गांड चुदने का समय आ गया है। उसने कहा- मैंने अभी तक गांड नहीं मरवाई है।
मैंने कहा- अब मरवाओ ना !
इतना कह कर मैंने लण्ड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर लगाया और हल्का सा धक्का लगाया। सुपारा छेद में चला गया। गांड बहुत ज्यादा तंग थी। दर्द के साथ-2 बहुत मजा आ रहा था। वह भी दर्द के मारे अ आ या ऊह रहने दो ! चिल्ला रही थी।
थोड़ी देर में ही वह सामान्य हो गई और उसे भी मजा आने लगा। अब मैं भी पूरा लण्ड उसकी गांड में बार बार अंदर-बाहर कर रहा था। काफी देर तक चुदाई करने के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया। इस तरह उसकी गांड और चूत की चुदाई पूरी रात चलती रही। उसके बाद उसने मुझे अपनी सहेली यानि रूम पार्टनर से भी मिलवाया। उसकी चुदाई की कहानी बाद में !

चूत मेहरबान, तो लण्ड पहलवान